क्सर आप गावों देहात या कहीं भी देखें होंगे गरीब लोगों को उन्हें खाना खाने का भी पैसा नहीं रहता है कि वह एक वक़्त कि खाना खा सके। रीयल बात यह है कि वह मेहनत नहीं करना जानते अगर वह मेहनत भी करते है तो पैसे जो मिलता है । क्या आप जानते हैं कि मजदूरों की  एक दिन कि मजदूरी कितनी मिलती है उन्हें एक दिन कि मजदूरी 300 रुपया मिलता है । और वह उसी 300 रुपया में से 100 रुपया की शराब पी जाएंगे बचा कितना 200 और वे पैसे लेकर घर लेकर जाएंगे । अब घर में ना तो चावल है और ना ही आटा और नहीं तो रसोई का सारा समान खत्म हो गया है । सारा समान लेना है , 200 रुपया ही है अब वह जाएगा सारा समान लेने सब समान लेगा तो 1000 रुपया का बिल गिर जाएगा । अब वह जो मजदूरी करके पैसा लाएगा तो वह दुकान का उधार भरेगा । और नहीं तो रोज उसमे से 100 का शराब पी ले रहा है तो बताइए कि कहा से आगे कि और जायगा। 
          एक बात सच कहूं तो जिसके पास आलस,काम ना करने  लिए  बहाने, और सबसे ज़रूरी पास नशा है वह जिंदगी में कभी आगे नहीं जा पाएंगे।