हमें यहां से कहाँ जाना है ?
रमेश 25 साल आयु का था और वह एक बैंक में बैंक मैनेजर था बैंक मैनेजर का नौकरी 6 साल से कर रहा था हलांकी उसे वह नौकरी पसंद नहीं थी। उसका सपना आईआईटी कंपनी में जाने का था पर परिवार के वजह से बैंक मैनेजर का नौकरी करना पड़ा। लेकिन उसे आगे बढ़ने का कोई अवसर प्राप्त नहीं हुआ। उसे ऐसा लगता था कि पिछले 6 साल बिना किसी खास सफलता के है बित गए । रमेश 6 साल इतना व्यस्त था कि कभी अपने भभिष्य पर ध्यान नहीं दिया। जब उसे याद आया कि मेरा एक सपना था आईआईटी कंपनी में जाने का अब 6 साल को मिस करने लगा जो उसने 6 साल अपना बर्बाद किया। लेकिन फिर भी हार नहीं माना और वह फिर से अपने लक्ष्य की ओर चल दिया । और लगातार मेहनत करने के बाद वह आईआईटी कंपनी में चल गया। लेकिन लगातार मेहनत दो साल किया था ।
इस लिए कहा जाता है कि सीखने कि कोई उम्र नहीं होती। बस कोशिश करते रहने की जरूरत है, आप अच्छी तरह जानते है कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
